Places to visit in Ahmedabad in Hindi – अहमदाबाद में यह जरुर देखें
Places to visit in Ahmedabad in Hindi
परिचय
अहमदाबाद, जिसे जिसे यहां की भाषा में अमदावाद के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राज्य गुजरात का सबसे बड़ा शहर है। अपने समृद्ध इतिहास, जीवंत संस्कृति और महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास के लिए अहमदाबाद प्रसिद्ध है। अहमदाबाद एक ऐसा शहर है जो पुराने और नए का खूबसूरती से संयोजन करता है। प्राचीन वास्तुशिल्प चमत्कारों से लेकर चहल-पहल भरे बाज़ारों और आधुनिक इंजीनियरिंग के चमत्कार समान होटल पतंग भी यहां है। होटल पतंग एक 21 मंजिल वाली पानी की टंकी जैसे दिखने वाली इमारत है और उसेक सबसे ऊपरी हिस्से में यह घूमता होटल स्थित है। होटल पतंग उसकी यह विशेषता और विशेष आकार की वजह से अहमदाबाद का लैंडमार्क माना जाता है। अहमदाबाद में और भी की खूबिया और देखने जैसे स्थल है। आइए आगे देखते है अहमदाबाद में आप क्या क्या कर सकते हैं ( Places to visit in Ahmedabad in Hindi) और क्या देखने जैसा है।
अहमदाबाद का इतिहास
अहमदाबाद का इतिहास 11वीं शताब्दी का है जब इसे अशावल के नाम से जाना जाता था। इस शहर की स्थापना सुल्तान अहमद शाह ने 1411 ई. में की थी और यह गुजरात की राजधानी बन गया। सदियों से, अहमदाबाद ने मुगल साम्राज्य और मराठा साम्राज्य सहित विभिन्न साम्राज्यों के उत्थान और पतन को देखा है। इसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो महात्मा गांधी के अहिंसक प्रतिरोध आंदोलन का केंद्र था। अहमदाबाद में साबरमती आश्रम इस ऐतिहासिक काल का एक अविस्मरणीय हिस्सा है।
अहमदाबाद की भूगोल
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अहमदाबाद साबरमती नदी के तट पर स्थित है, जो शहर को पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों में विभाजित करती है। शहर लगभग 464 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और समुद्र तल से 53 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। अहमदाबाद की जलवायु अर्ध-शुष्क है, जिसमें गर्म ग्रीष्मकाल, मानसून की बारिश और हल्की सर्दियाँ होती हैं। साबरमती रिवरफ्रंट एक प्रमुख भौगोलिक विशेषता है, जो शहरी हलचल के बीच एक शांत वातावरण प्रदान करती है।
अहमदाबाद शहर भारत के गुजरात राज्य का सबसे बड़ा शहर है और भारत का सातवाँ सबसे बड़ा शहरी समूह है। अहमदाबाद की आबादी लगभग 74 लाख (7.4 मिलियन) है। अहमदाबाद साबरमती नदी के तट पर स्थित है। यह शहर अहमदाबाद जिले का प्रशासनिक केंद्र है, और 1960 से 1970 तक गुजरात की राजधानी था। बाद में उसके ठीक पास में गांधीनगर शहर है उसको गुजरात राज्य की बना दिया गया। अब गुजरात की राजधानी गांधीनगर है। 20वीं सदी के पहले भाग में यह शहर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे आगे था। यह श्रमिकों के अधिकार, नागरिक अधिकारों और राजनीतिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए सविनय अवज्ञा के कई अभियानों का केंद्र था। महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के विरुद्ध अपनी लड़ाई लड़ने के लिए अहमदाबाद में साबरमती नदी के तट पर गांधी आश्रम की भी स्थापना की थी और अहमदाबाद को अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना। यहीं से महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन का संचालन किया था।
इस शहर की स्थापना 1411 में गुजरात सल्तनत की राजधानी के रूप में इसके नाम के सुल्तान अहमद शाह द्वारा की गई थी। ब्रिटिश शासन के तहत, एक सैन्य छावनी की स्थापना की गई और शहर के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण और विस्तार किया गया। यह भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था। अहमदाबाद के मणिनगर विस्तार से नजदीक स्थित कांकरिया झील, 1451 ई. में दिल्ली के सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा विकसित की गई एक कृत्रिम झील है। इस शहर को कर्णावती भी कहा जाता है, जो कि दीवार वाले क्षेत्र में मौजूद पुराने शहर का नाम है। अहमदाबाद गुजरात क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण शहर है । अहमदाबाद में पहले बहुत सारी कपड़ा मिलें थी इसके चलते अहमदाबाद ने “भारत का मैनचेस्टर” उपनाम अर्जित किया। 1960 में गुजरात राज्य के निर्माण के साथ, अहमदाबाद ने राज्य की राजनीतिक और वाणिज्यिक राजधानी के रूप में प्रमुखता हासिल की। कभी धूल भरी सड़कों और भीड़भाड़ वाले इलाकों की पहचान वाले इस शहर में निर्माण कार्य में तेजी आई है और आबादी में वृद्धि हुई है। सूचना प्रौद्योगिकी, वैज्ञानिक उद्योगों और शिक्षा का एक उभरता हुआ केंद्र, अहमदाबाद गुजरात और पश्चिमी भारत के अधिकांश हिस्सों का सांस्कृतिक और वाणिज्यिक केंद्र बना हुआ है। 2000 के बाद से, शहर गगनचुंबी इमारतों, शॉपिंग मॉल और मल्टीप्लेक्स के निर्माण के माध्यम से बदल गया है। BRTS और साबरमती रिवर फ्रंट विकास परियोजना भी देखने लायक है और यह अहमदाबाद को कोई विदेशी शहर जैसे दिखाता है। है। कांकरिया झील, सिद्दी सैयद की जाली, जामा मस्जिद, सरखेज का रोजा शहर में स्थित ऐसे ऐतिहासिक स्थान हैं जो आपको जरूर देखने चाहिए। गांधी आश्रम, अभय घाट (स्वर्गीय प्रधानमंत्री श्री मोरारजी देसाई की समाधि), साइंस सिटी, वैष्णवदेवी मंदिर, इस्कॉन मंदिर भी पर्यटकों के आकर्षण के लिए प्रसिद्ध हैं। लोथल, अडालज की वाव (The Adalaj Step Well ) और अक्षरधाम मंदिर भी आस-पास के बहुत प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। नल सरोवर झील भी एक प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य है जहाँ हर साल सर्दियों के मौसम में मध्य एशिया से प्रवासी पक्षी आते हैं, जो अहमदाबाद जिले में स्थित है।
अहमदाबाद में घूमने की जगहें – Places to visit in Ahmedabad in Hindi
साबरमती आश्रम: यह ऐतिहासिक स्थल महात्मा गांधी के निवास के रूप में कार्य करता था और अब यह उनके जीवन और शिक्षाओं को समर्पित एक संग्रहालय है। इस आश्रम में हृदय कुंज नामक स्थान में महात्मा गांधी और उनकी पत्नी कस्तूरबा रहते थे । साबरमती आश्रम वह स्थान है जहाँ से गांधीजी ने प्रसिद्ध दांडी मार्च की शुरुआत की थी। अहमदाबाद में यह आश्रम साबरमती नदी के शांत और निर्मल तट पर स्थित है। इसे ‘गांधी आश्रम’, ‘महात्मा गांधी आश्रम’ और सबसे महत्वपूर्ण रूप से ‘सत्याग्रह आश्रम’ के रूप में भी जाना जाता है, ऐसा माना जाता है कि महात्मा गांधी ने इस स्थान को इसलिए चुना क्योंकि यह जेल और कब्रिस्तान के बीच स्थित है और सत्याग्रही के इन्हीं में से किसी एक में समाप्त होने की संभावना है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में इस स्थल के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने साबरमती आश्रम को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में मान्यता दी है। महात्मा गांधी आश्रम में सबसे प्रसिद्ध ‘गांधी स्मारक संग्रहालय’ है जिसमें महात्मा गांधी के कुछ व्यक्तिगत पत्र और तस्वीरें प्रदर्शित हैं। इस आश्रम के अंदर मगन निवास, हृदय कुंज, गांधी मेमोरियल संग्रहालय, विनोबा कुटीर, सोमनाथ छात्रालय , उपासना कुटीर और उद्योग मंदिर जैसे अन्य स्थान भी देखने लायक हैं।
अक्षरधाम मंदिर: एक शानदार मंदिर परिसर जो अपनी आश्चर्यजनक वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।अक्षरधाम का शाब्दिक अर्थ है ईश्वर का दिव्य निवास, या वो जगह जिसका काभी नसध नहीं होता । यह भक्ति करने और शाश्वत शांति का अनुभव करने के लिए एक शाश्वत स्थान है। गांधीनगर में स्वामीनारायण अक्षरधाम एक मंदिर है – एक पूजा स्थल, भगवान का निवास स्थान और भक्ति, शिक्षा और एकीकरण के लिए समर्पित एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संकुल है । इसकी वास्तुकला में कालातीत भक्ति संदेश और जीवंत हिंदू परंपराएँ प्रतिध्वनित होती हैं। यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण (1781-1830) और हिंदू धर्म के अवतारों, देवताओं और ऋषियों को एक विनम्र श्रद्धांजलि है। पारंपरिक शैली वाले इस परिसर का उद्घाटन 30 अक्टूबर, 1992 को प्रमुख स्वामी महाराज के आशीर्वाद और कुशल कारीगरों और स्वयंसेवकों के समर्पित प्रयासों के माध्यम से किया गया था।अक्षरधाम मंदिर में दो सौ से ज़्यादा मूर्तियाँ हैं, जो कई सहस्राब्दियों से आध्यात्मिक दिग्गजों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के परम पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज (1921-2016 ई.) द्वारा निर्मितद्वारा निर्मित
इस परिसर को बनाने में दुनिया भर के 4000 से अधिक स्वयंसेवकों ने 8,000,000 से अधिक घंटे काम किया
मंदिर का निर्माण जटिल नक्काशीदार बलुआ पत्थर से किया गया है।
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कांकरिया झील: एक लोकप्रिय मनोरंजन क्षेत्र जिसमें चिड़ियाघर, टॉय ट्रेन और विभिन्न मनोरंजन सुविधाएँ हैं। कांकरिया झील ( Kankaria lake in Ahmedabad ) भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद में दूसरी सबसे बड़ी झील है। यह शहर के दक्षिण-पूर्वी भाग में, मणिनगर क्षेत्र में स्थित है। इसका निर्माण 1451 में सुल्तान कुतुब-उद-दीन अहमद शाह द्वितीय के शासनकाल के दौरान पूरा हुआ था, हालांकि इसका उद्गम कभी-कभी चालुक्य काल में माना जाता है। इसके चारों ओर एक झील का किनारा विकसित किया गया है, जिसमें चिड़ियाघर, टॉय ट्रेन, बच्चों का शहर, बंधे हुए गुब्बारे की सवारी, पानी की सवारी, वाटर पार्क, फ़ूड स्टॉल और मनोरंजन सुविधाएँ जैसे कई सार्वजनिक आकर्षण हैं। झील के किनारे का 2007-2008 में जीर्णोद्धार किया गया था। यहां हर साल दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में कांकरिया कार्निवल नामक उत्सव का आयोजन किया जाता है। कार्निवल के दौरान कई सांस्कृतिक, कला और सामाजिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।
कांकरिया चिड़ियाघर : कांकरिया चिड़ियाघर का आधिकारिक नाम कमला नेहरू प्राणी उद्यान है , इसे रूबेन डेविड द्वारा 1951 में स्थापित किया गया था। पूरा कांकरिया संकुल 21 एकड़ में फैला हुआ है। इसे 1974 में एशिया का सर्वश्रेष्ठ चिड़ियाघर माना गया था। इस चिड़ियाघर में 450 प्राणी, 2,000 पंछी, 140 सरीसृप हैं। इसमें शेर, अजगर, एनाकोंडा, सांप, हाथी, एल्बिनो (सफेद) जानवर जैसे रीसस बंदर, चित्तीदार हिरण, सफेद और काला हिरण, चिंकारा, हाथी, एमु, जंगल बैबलर, बुश-क्वेल और पाम सिवेट जैसे जंगली जानवर हैं। कांकरिया चिड़ियाघर में अजगर, मगरमच्छ, भालू और जंगली गधे जैसी दुर्लभ प्रजातियों का भी संवर्धन किया गया है। महान प्राणी शास्त्री रूबेन डेविड को इसके लिए 1974 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। ऐसा माना जाता है की चिड़ियाघर के प्रत्येक प्राणी , पंछी रूबेन डेविड को व्यक्तिगत रूप से जानते थे। जब रूबेन डेविड को कहीं बाहर काम से जाना होता था तो चिड़ियाघर का कोई प्राणी खाना नहीं खाते थे, सब प्राणी केवल उनके हाथों से खाना खाते थे।
अडालज स्टेपवेल: खूबसूरती से बनाई गई स्टेपवेल जिसमें जटिल नक्काशी और वास्तुकला की शानदार झलक दिखाई देती है।अडालज की बावड़ी या अडालज स्टेपवेल जिसे गुजराती में अडालज नी वाव कहते हैं। यह एक एक सीढ़ीदार कुँआ (बावड़ी) है जो गुजरात के अडालज नामक गाँव में है। दूर-दराज से बड़ी संख्या में लोग इस कुएं को देखने आते रहते हैं। वास्तव में यह एक बड़े भवन के रूप में निर्मित है। भारत में इस तरह के कई सीढ़ीनुमा कूप हैं।
अडालज गाँव गुजरात की राजधानी गांधीनगर के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और गांधीनगर से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर है। अहमदाबाद से इसकी दूरी 18 किमी है। यह छोटा सा गाँव प्राचीन काल में ‘दांडई देश’ नाम से जाना जाता था। यह पहली मंज़िल पर लगे संमरमर के पत्थर पर संस्कृत में लिखे आलेख से मालूम होता है कि इसे १४९९ में रानी रुदाबाई ने अपने पति की याद में बनवाया था.वह राजा वीरसींह की पत्नी थीं.
यह पाँच मंज़िला वाव अष्टभुजाकार आकार में बना हुआ है। वास्तुकला का नायाब नमूना यह ढाँचा १६ स्तंभों के आधार पर बनाया गया है। यहां पर पदयात्री ठहरते थे , आराम के ले रुकते थे इसलिए इसकी रचना इस प्रकार की गई है की अंदर का तापमान बाहर के तापमान से ६ डिग्री कम रहे, यह वास्तुकला का एक उत्तम नमूना है।
सिदी सैय्यद मस्जिद: सिदी सैय्यद मस्जिद , इसे स्थानीय तौर पर गुजराती में सिदी सैय्यद नी जाली के नाम से जाना जाता है।
यह एक जालीदार पत्थर से बनी नक्काशी का उत्कृष्ट नमूना है। इसे इसवीं साल 1572 में बनाया गया था। यह भारत के गुजरात राज्य के
अहमदाबाद शहर की सबसे प्रसिद्ध मस्जिदों में से एक है। इस मस्जिद का निर्माण हब्शी रईस सिदी सैय्यद ने 1572-73 में करवाया था।आप जब भी अहमदाबाद की यात्रा पर जाएं इसे देखना बिल्कुल नहीं भूलिएगा । यह अपनी प्रतिष्ठित जालीदार खिड़कियों, खास तौर पर जीवन के पेड़ की आकृति के लिए प्रसिद्ध है।
जामा मस्जिद: 1424 में बनी एक भव्य मस्जिद, जो गुजरात सल्तनत की वास्तुकला की भव्यता को दर्शाती है।अहमदाबाद की जामा मस्जिद संभवतः इस अवधि में निर्मित भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे बड़ी मस्जिद थी। यह पुराने चार किलों और द्वार वाले शहर के केंद्र में स्थित है । मस्जिद की उत्तरी दीवार जुलूस के रास्ते पर स्थित है। सुल्तान अहमद शाह प्रथम द्वारा बनाई गई एक प्रमुख योजना के रूप में डिज़ाइन की गई, मस्जिद जुलूस की धुरी के उत्तर में स्थित है जो मैदान-ए शाह से तीन मेहराबों वाले दरवाजे, तीन दरवाजा तक जाती है । जामा मस्जिद जिसे जुमा मस्जिद या जामी मस्जिद भी कहा जाता है, इसका मतलब शुक्रवार की मस्जिद होता है। यह मस्जिद अहमदाबाद , गुजरात है । इसे अहमद शाह प्रथम के शासनकाल के दौरान 1424 में बनाया गया था। केंद्रीय मिहराब पर शिलालेख 1 सफ़र हिजरी 827 या 4 जनवरी, 1424 ई को सुल्तान अहमद शाह प्रथम द्वारा मस्जिद के उद्घाटन की याद दिलाता है।
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अहमदाबाद में करने के लिए चीज़ें
- हेरिटेज वॉक: अहमदाबाद की समृद्ध विरासत का अनुभव करने के लिए पुराने शहर और उसके पोल (पारंपरिक आवास समूह) का पता लगाएँ।
- खरीदारी: हस्तशिल्प, वस्त्र और स्ट्रीट फ़ूड के लिए लॉ गार्डन नाइट मार्केट और मानेक चौक जैसे स्थानीय बाज़ारों में जाएँ।
- सांस्कृतिक गतिविधियाँ: नटरानी एम्फीथिएटर और श्रेयस लोक संग्रहालय जैसे सांस्कृतिक केंद्रों में प्रदर्शन देखें।
- व्यंजन: ढोकला, थेपला और खांडवी जैसे व्यंजनों सहित स्थानीय गुजराती व्यंजनों का आनंद लें। अहमदाबाद में खाने पीने के शौकीन लोगों के ले बहुत विकल्प उपलब्ध है।
- रिवरफ्रंट एक्टिविटीज: साबरमती रिवरफ्रंट के किनारे आराम से टहलें, साइकिल चलाएं या बोटिंग का आनंद लें।
अहमदाबाद कैसे पहुँचें – Places to visit in Ahmedabad in Hindi
अहमदाबाद भारत और विदेशों के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है:
- हवाई मार्ग: सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से आश्रम 7.9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे के बाहर बस और टैक्सी उपलब्ध हैं।
- रेल: अहमदाबाद जंक्शन से साबरमती आश्रम लगभग 6.9 किलोमीटर दूर है। स्टेशन से आश्रम तक पहुँचने के लिए बस, टैक्सी या ऑटोरिक्शा लिया जा सकता है।
- सड़क मार्ग: शहर राजमार्गों के एक व्यापक नेटवर्क से जुड़ा हुआ है और यहाँ बसों और टैक्सियों सहित एक मजबूत सार्वजनिक परिवहन प्रणाली है।
अहमदाबाद की यात्रा की योजना कैसे बनाएँ – How to plan a tour of Ahmedabad?
How to plan a tour of Ahmedabad?
- यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय: अहमदाबाद की यात्रा के लिए आदर्श समय नवंबर से फरवरी तक है जब मौसम सुहावना होता है।
- आवास: आलीशान होटलों से लेकर बजट-फ्रेंडली गेस्टहाउस तक, कई तरह के आवासों में से चुनें।
- यात्रा कार्यक्रम: एक संतुलित यात्रा कार्यक्रम की योजना बनाएँ जिसमें ऐतिहासिक स्थल, सांस्कृतिक अनुभव, खरीदारी और अवकाश गतिविधियाँ शामिल हों।
- स्थानीय परिवहन: बसों और ऑटो-रिक्शा जैसे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें या शहर के भीतर यात्रा को आसान बनाने के लिए कार किराए पर लें। यहां पर Ola , Uber और अन्य बहुत सारी cab सर्विस भी उयपलब्ध है जो ज्यादा अच्छी रहती है, क्यूंकी उनका किराया निर्धारित होता है जबकि अन्य ऑटो , या टॅक्सी वाले यात्रियों को देखकर ज्यादा किराया मांग सकते हैं।
- सांस्कृतिक संवेदनशीलता: स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं का सम्मान करें, खासकर धार्मिक स्थलों पर जाते समय।
निष्कर्ष
अहमदाबाद एक ऐसा शहर है जो ऐतिहासिक आकर्षण और आधुनिक सुविधाओं का मिश्रण प्रदान करता है। चाहे आप इतिहास के शौकीन हों, सांस्कृतिक उत्साही हों या बस एक जीवंत शहर की खोज करना चाहते हों, अहमदाबाद में सभी के लिए कुछ न कुछ है। अपनी समृद्ध विरासत, विविध आकर्षणों और गर्मजोशी भरे आतिथ्य के साथ, अहमदाबाद की यात्रा एक समृद्ध और यादगार अनुभव होने का वादा करती है।
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सिदी सैय्यद मस्जिद: सिदी सैय्यद मस्जिद , इसे स्थानीय तौर पर गुजराती में सिदी सैय्यद नी जाली के नाम से जाना जाता है।
यह एक जालीदार पत्थर से बनी नक्काशी का उत्कृष्ट नमूना है। इसे इसवीं साल 1572 में बनाया गया था। यह भारत के गुजरात राज्य के
अहमदाबाद शहर की सबसे प्रसिद्ध मस्जिदों में से एक है। इस मस्जिद का निर्माण हब्शी रईस सिदी सैय्यद ने 1572-73 में करवाया था।आप जब भी अहमदाबाद की यात्रा पर जाएं इसे देखना बिल्कुल नहीं भूलिएगा । यह अपनी प्रतिष्ठित जालीदार खिड़कियों, खास तौर पर जीवन के पेड़ की आकृति के लिए प्रसिद्ध है।
साबरमती आश्रम, हृदय कुंज, सीदी सैयद मस्जिद, सीदी सैयद नई जाली , अड़ालज नई वाव, अड़ालज की बावड़ी, होटल पतंग, revolving रेस्टोरेंट, हठीसिंग टेम्पल, जामा मस्जिद , जुलता मीनार, shaking minarets यह सारे स्थल अहमदाबाद के एक दिन के यात्रा प्रवास में देखने लायक हैं।
अहमदाबाद के पुराने शहर में भद्र काली मंदिर विस्तार और नए अहमदाबाद में इस्कॉन विस्तार अहमदाबाद के हृदय ( heart of Ahmedabad ) समान माने जाते हैं।
अहमदाबाद में गाँठिया और दालवड़ा यह दो चीजें बहुत ही लोकप्रिय हैं। अहमदाबाद की यात्रा के दौरान आपको इस का स्वाद जरूर लेना चाहिए। सब से अच्छे गाँठिया आपको एस जी हाई वे पर कर्णावती क्लब के सामने इस्कॉन गाँठिया नामक रेस्टोरेंट में मिलेंगे । सब से अच्छे दालवडा खाने के लिए इस रोड पर आगे गोता चोकड़ी के पास अंबिका दाल वडा से मिलेंगे।
अहमदाबाद की यात्रा के आयोजन नवंबर से लेकर फरवरी महीने तक के समय में करना चाहिए , क्योंकि इसके सिवा आपको कड़ी धूप , गरमी का सामना करना पड़ेगा। यहां आम तौर पर मौसम थोड़ा गर्म रहता है तो आप अच्छे से घूमने का मज़ा नहीं ले पाएंगे ।
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