भारत में शुरू होगा सैटलाइट इंटरनेट, जानें क्या होगी विशेषताएँ
इन्टरनेट अब हम सब के जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन चूका है. कई बार ऐसा होता है की किसी वजह से इन्टरनेट नहीं मिलता है तो लोग परेशन हो जाते है. अब तक जो इन्टरनेट हम उपयोग करते हैं वो टावर के जरिए हम तक आता है. इसमें यह दिक्कत रहती है की वो कभी ठीक चलता है तो कभी नहीं चलता है. खास कर के दूर दराज के गाँवो में ठीक से कवरेज नहीं मिलता है. इन सबका उपाय है सेटेलाईट इन्टरनेट. अब भारत में शुरू होगा सैटलाइट इंटरनेट, और यह सारी समस्याएँ भूतकाल बन जाएगी. जैसे आप डिश एंटेना से टीवी देखते है और वो बिना रुके चलता है , उसमे टावर की परेशानी नहीं होती है ऐसे ही चलेगा यह सेटेलाईट इन्टरनेट.
भारत में सैटलाइट इंटरनेट शुरू करने के लिए एयरटेल और अन्य कम्पनिओं को लायसंस जारी कर दिया गया है. इसके अलावा एलोन मस्क की स्टारलिंक भी भारत में सेटेलाईट इन्टरनेट शुरू करने की तैयारिया कर चुकी है. एलन मस्क की स्टारलिंक जल्द ही भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं दे सकती है। स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएँ दुनिया भर के 32 देशों में उपलब्ध हैं। स्टारलिंक के पास अपने खुद के ४००० से भी ज्यादा उपग्रह अन्तरिक्ष में कार्यरत है, जो पूरी दुनिया में कही भी इन्टरनेट सेवा प्रदान करने में सक्षम है.
सैटेलाइट इंटरनेट एक वायरलेस इंटरनेट कनेक्शन है जो पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले संचार उपग्रहों के माध्यम से प्रदान किया जाता है। यह स्थान से स्वतंत्र है और इसे उपग्रहों की सीमा के भीतर कहीं से भी पहुँचा जा सकता है, क्योंकि यह वैश्विक कवरेज प्रदान करता है।
सैटेलाइट इंटरनेट दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में संचार और ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए एक प्रभावी विकल्प के रूप में उभर रहा है, जहां डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन (डीएसएल) और केबल जैसे अन्य पारंपरिक इंटरनेट माध्यमों का पहुंचना मुश्किल है। इस प्रकार, सैटेलाइट इंटरनेट धीरे-धीरे दुनिया में लोकप्रियता हासिल कर रहा है और बड़ी इंटरनेट कंपनियां तेज इंटरनेट नेटवर्क की पेशकश के लिए इस क्षेत्र में प्रवेश कर रही हैं। अमेरिका के अनुमान के मुताबिक, दुनिया की कुल आबादी के लगभग 63% लोगों के पास इंटरनेट है। यह इस क्षेत्र का लाभ उठाने और शेष विश्व आबादी को कवर करने के लिए पर्याप्त गुंजाइश प्रदान करता है। उपयोग के कई मामलों के साथ, सैटेलाइट इंटरनेट सरकारों, व्यवसायों, स्कूलों और व्यक्तियों के लिए कई मायनों में फायदेमंद साबित हो सकता है।
सैटेलाइट इंटरनेट के फायदे और नुकसान
सैटेलाइट इंटरनेट एक वायरलेस नेटवर्क है इसलिए इसे कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है, और बिना रूकावट के टीवी की जैसे ही चलता है. इसके लिए टीवी के जैसा ही एक डिश लगाना पड़ता है , लेकिन वो इतना छोटा होता है की आप उसे कही भी ले जा सकते हैं और कही भी इन्टरनेट का उपयोग कर सकते हैं. दूसरा फायदा इसका ये है कि ग्रामीण इलाकों, जहां पर केबल/फाइबर लाइन या टावर उपलब्ध नहीं है, वहां भी सैटेलाइट इंटरनेट काम करेगा. प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में इसे आसानी से रिकवर किया जा सकता है, जबकि सामान्य इंटरनेट में काफी नुकसान होता है और ठीक करने में बहुत समय लग जाता है.
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सैटेलाइट इंटरनेट के नुकसान को देखें तो अभी ये शुरुआती स्टेज में है इसलिए ये सामान्य इंटरनेट की तुलना में महंगा हो सकता है.
भारत में शुरू होगा सैटलाइट इंटरनेट : भारत में जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की शुरुआत हो जाएगी. इसके लिए Jio और Oneweb को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने लाइव डेमोंस्ट्रेशन की मंजूरी दे दी है. दोनों कंपनियां इस महीने के अंत तक कैसे सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस काम करेगी इसका लाइव डेमो देंगे. दोनों कंपनियों को GMPCS लाइसेंस मिल चुका है और Jio और Oneweb ने DOT को व्यापक स्तर पर सेटकॉम सर्विस को टेस्ट करने के लिए आवेदन भी किया है. ये टेस्टिंग पीरियड 90 दिनों का होता है जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है.
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