सूर्य मंदिर हंडिया – एक ऐसा सूर्य मंदिर, जहां नहाने से सारे रोग दूर हो जाते हैं।
सूर्य मंदिर हंडिया : बिहार के नवादा जिले के नारदीगंज प्रखंड हंडिया नामक एक छोटा गांव है। कहने को तो छोटा गाँव है लेकिन बहुत ही प्रसिद्ध है। यहा पर एक सूर्य मंदिर है जो की काफी प्राचीन है , और माना जाता है की यह मंदिर द्वापर युग से जुड़ा हुआ है और इसे भगवान कृष्ण के बेटे सांब ने बनवाया था। यह उन ऐतिहासिक सूर्य मंदिरों में से एक है जो लोगों की आस्था का प्रतीक है। मंदिर के आसपास के उत्खनन के दौरान, प्रतीक और पत्थर के रथ के अवशेष प्राप्त हुए थे। एक तालाब मंदिर के पास स्थित है यह माना जाता है कि इस पानी में स्नान के बाद कुष्ठ रोग मिट जाते हैं। रविवार को, बहुत से लोग तालाब में स्नान करते हैं और सूर्य मंदिर की पूजा करते हैं |
द्वापर युग में मगध सम्राट जरासंघ का इन सभी क्षेत्रों में साम्राज्य था । जरासंध की राजधानी राजगीर ( राजगृह ) थी, वहां से बोधगया जाने के रास्ते पर चार-पांच किलोमीटर दूर नारदीगंज सड़क से पश्चिम 2 किलोमीटर की दूरी पर है यह हंडिया गांव स्थित भगवान सूर्य नारायण का चमत्कारिक मंदिर। किवंदितयां है कि जरासंध की पुत्री धन्यावति अपने आराध्य देव भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के लिए धनियावां पहाडी स्थित मंदिर में इसी मार्ग से प्रतिदिन जाया करती थी। मंदिर जाने से पहले धन्यावती हंडिया गांव स्थित तालाब में स्नान कर भगवान सूर्य की पुजा अर्चना करती थी। इसकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान सूर्य नारायण ने उसे आशीर्वाद देकर कहा था की जो कोई भी इस तालाब मे स्नान करेगा वो सभी रोगों से मुक्त हो जाएगा। बाद मे उस तालाब के पास भगवान कृष्ण के पुत्र सांब ने यह सूर्य मंदिर बनवाया। खास कर के कुष्ट रोग ठीक हो जाता है।
यह मंदिर बिहार में है , तो अगर आप बाहर से आते हैं तो पहले आप को बिहार की राजधानी पटना पहुंचना होगा। या फिर गया से भी आप वहाँ जा सकते हैं। यहा पर पहुँचने के लिए बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं, आप यह विमान, रेल, बस या फिर निजी वाहन से पहुँच सकते हैं। रविवार को यहाँ भारी भीड़ रहती है , आप को तालाब मे स्नान करने मे भी समस्या हो सकती है। हो सके तो रविवार के सिवा अन्य दिनों मे आपकी यात्रा का आयोजन करें।
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यहाँ से निकटतम हवाई अड्डा गया और पटना है। कोलकाता, दिल्ली, रांची, मुम्बई, वाराणसी, लखनऊ और काठमांडू से आने के लिए पटना से नियमित उड़ानें हैं , गया आन के लिए भी बहुत उड़ाने है, लेकिन पटना से जाना ज्यादा सुविधा जनक रहेगा।
अगर आप, रेल से आना चाहते हैं तो बिहार के लखिसरी और गया स्टेशनों से सीधा नवादा पहुँच सकते हैं।
अगर आप सड़क से आना चाहते है तो नवादा सीधा पटना, गया, कोलकाता के साथ सड़क से जुड़ा हुआ है | यह ऐतिहासिक स्थल राजगीर से 5 किमी एवं नवादा से 31 किमी की दुरी पर स्थित है |
यहा छठ के महा पर्व का बहुत महत्व है , इस दिन यहा बहुत भारी भीड़ एकट्ठा होती है। इस दिन भगवान सूर्य नारायण को अर्ध्य अर्पण किया जाता है और बच्चों का मुंडन संस्कार भी किया जाता है।