मोहें जो दड़ो में खुदाई के दौरान पाकिस्तानी मजदूरों को मिला इतना बड़ा खजाना
मोहें जो दड़ों विश्व की सब से पुरातन उत्खनन साइट में से एक है। 1980 में मोहें जो दड़ों को विश्व धरोहर स्थल ( World Heritage Site) में शामिल किया गया था। माना जाता है की सब से पहली सभ्यता यहाँ विकसित हुई थी। वहाँ पे कई सालों से खुदाई हो रही है। Sindhu Ghati Se Mila Prachin Khajana : दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में गिनी जाने वाली सिंधु घाटी सभ्यता ( Indus Valley Civilization ) के वैश्विक धरोहर स्थल मोहनजोदड़ो में खुदाई के दौरान एक दीवार से तांबे के सिक्कों से भरा बर्तन मिला है। यह साइट वैसे तो आरक्षित है, लेकिन पुरातत्व विभाग द्वारा उस पर कुछ न कुछ काम चलता राहत है। इस साइट की एक दीवार ढह गई थी उसे ठीक करते दौरान मजदूरों को उस दीवार के अंदर से एक घड़ा मिल जो की तांबे के सिक्कों से भरा हुआ था। जांच टीम तुरंत स्थल पर पहुंची टीम ने देखा की यह बहुत पुराने सिक्के हैं तो टीम ने उसे तुरंत परीक्षण के लिए लैब में भेज दिया । बहुत समय बाद खनन के दौरान ऐसी कोई चीज़ मिली है जो कोई नया रहस्य खोल सकती है।
यह साइट पाकिस्तान के सिंध प्रांत में है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसका कब्जा ले लिया है। पाकिस्तान के पुरातत्व अधिकारी शाकिर शाह के मुताबिक इन सिक्कों पर किसी अनजान भाषा में कुछ लिखा गया है। पहले तो सिक्कों को निकालना ही बड़ी चुनौती थी। लंबे समय से दबे होने की वजह से वे क्षारित हो गए थे। जांच के बाद पता चलेगा कि ये सिक्के किस जमाने के हैं और इनमें क्या लिखा है। उन्होंने कहा कि इन सिक्कों से कई बातें सामने आ सकती हैं जिससे पुरानी दुनिया के बारे में कई बातें पता चलेंगी। मोहनजोदड़ो तकरीबन 5000 साल पुरानी विरासत है। इस के अवशेषों के आधार पर से यह माना जाता है की यह स्थल तकरीबन ईसा पूर्व 3200 के समय मे पूर्ण विकसित थी। इस जगह से मिले अवशेष बताते हैं कि यहां कभी बहुत ही विकसित शहर हुआ करता था।
Sindhu Ghati Se Mila Prachin Khajana :
1980 में मोहें जो दड़ों को विश्व धरोहर स्थल ( World Heritage Site) में शामिल किया गया था। यहां से मिले पुरातात्विक खंडहर तीसरी सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व के बताए जाता हैं। इस साइट की पहली खुदाई में जो स्थल मिल था उसे हरप्पा के नाम से जाना जाता है, उस पर इस पूरी साइट को हरप्पा सभ्यता भी कहा जाता है। यहां मिट्टी की कच्ची ईंटें पाई गई थीं। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो दोनों सिंधु घाटी सभ्यता के महत्वपूर्ण शहर हैं। सिंधु घाटी सभ्यता पाकिस्तान, अफगानिस्तान और भारत में फैली हुई है मोहनजोदाड़ो सिंधी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है मोहें जो दड़ों। 1861 में ब्रिटिश राज के दौरान भारत में Archaeological Survey of India की स्थापना की गई थी , इसी के अंतर्गत यह साइट के बारे मे पता लगा था। इस सभ्यता में 1000 से ज्यादा छोटे छोटे स्थल की पहचान की गई है , उस में से पाँच मुख्य साइट में हरप्पा, मोहें जो डेरों , धोलावीरा , राखीगढ़ी और गनेरिवाला शामिल है।
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